आधार नंबर की तरह अब इंश्योरेंस पॉलिसी का भी एक नबंर जारी किया जाएगा, इस नंबर की मदद से बीमाधारक के बारे में सभी आवश्यक जानकारी मिल सकेंगी। हेल्थ इंश्योरेंस या गाड़ी के इंश्योरेंस के रिन्युअल या क्लेम के समय इस नंबर से लोगों का परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) अब जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी नंबर में 'यूनिक' नंबर जोड़ने वाला है। इससे इंश्योरेंस कंपनियों को यूनिक पॉलिसी नंबर से हिस्ट्री जानने में मदद मिलेगी। अभी तक हर बीमा कंपनी का पॉलिसी नंबर अलग डिजिट और अलग फॉर्मेट में होता है।
इसके होंगे कई फायदे
- आधार नंबर की तर्ज पर ही जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी का नंबर होगा।
- पॉलिसी रिन्युअल, पोर्टेबलिटी और क्लेम करते समय इस नंबर से सहूलियत रहेगी।
- पॉलिसी के खो जाने पर भी आप इस नंबर के जरिए पॉलिसी फिर से आसानी से आसानी से मिल सकेगी।
- मौजूदा पॉलिसी नंबर के ऊपर की तरफ ही ये 'यूनिक' पॉलिसी नंबर लिखा रहेगा।
बीमाधारक अपनी मर्जी से चुन सकेंगे थर्ड पार्टी ऐडमिनिस्ट्रेटर
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इसी महीने बीमाधारकों को राहत देते हुए थर्ड पार्टी ऐडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) चुनने की सहूलियत दी थी। थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर बीमा देने वाली कंपनी और बीमा लेने वाले व्यक्ति के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है। इसका मुख्य काम दावे और सेटलमेंट की प्रक्रिया में मदद करना है। टीपीए बीमा लेने वाले व्यक्ति को कार्ड जारी करता है, जिसे दिखाकर ही किसी अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकता है।